शहीद प्रभू सिह
जीवन परिचय:-प्रभु सिह का जन्म जोधपुर जिले में शेरगढ़ तहशील के खिरजा खास गांव में हुआ था उनकी प्रारम्भिक शिक्षा गांव से ही प्राप्त की।फिर अपने परिवार से प्रेरित होकर उनके मन में भी देश सेवा करने की जिज्ञासा जग उठी,उन्होंने आर्मी ज्वाइन करने की ठान ली,और उनके मन मे आर्मी में भर्ती होने की बात घर कर गई थी इस हेतु उन्होंने पूर्ण तैयारी-अभ्यास करना प्रारम्भ कर चुके थे भारत-पाक की सिमा का जिक्र आते ही वो बड़े ध्यान से सुनते थे और फिर क्या था उन्होंने आर्मी ज्वाइन कर देश सेवा में लग गए। उनके मन में कुछ कर गुजरने की इच्छा थी
22 नवम्बर कुपवाड़ा के माछिल सेक्टर में अपनी ड्यूटी पर तैनात थे आप पेट्रोलिग के समय गाइड की भूमिका निभाते थे सीमा रेखा के नजदीक पेट्रोलिंग करते समय गहन झाड़ियों में छिपे आतकवादीयो ने सहसा गोलियों की बौछार कर दी। प्रथमतः आपके पैर में गोली लगने से नीचे गिर पड़े और अपनी जगह सुनिशिचत कर कमान सभाल ली। आमने सामने की अंधाधुन्ध फायरिग में हौसला रखते हुए दुश्मनो को करारा जवाब दिया ।भयकर गोलीबारी में एक बूस्ट सीने पर लगा फिर भी हौसला बनाये रखा ।अत्यधिक सख्या में घात लगाए बैठे दुश्मनों की गोलियों से राइफलमैन प्रभु सिंह वीरगति को प्राप्त हुए।
आइये जाने इस परिवार की सघर्ष की गाथा:-
पहली पीढ़ी:-अजीत सिंह ने महाराज मानसिंह के काल में दिया था पहला बलिदान अजीत सिंह भभूत सिह के पुत्र थे
दूसरी पीढ़ी:-खुम्भ सिंह के 3बेटों ने अपने दादा की तरह देश सेवा चुना।
तीसरी पीढ़ी :-पुंजराज सिह के 3बेटो ने अपने पिता दादा वह परदादा की परंपरा का निर्वहन किया ।
चौथी पीढ़ी :-65 के युद्ध में पाक को धूल चटाई
अचल सिह पुंजराज सिह के भतीजे थे वे रजवाड़े में सरदार इन्फेंट्री में जोधपुर में तैनात थे उनके 6बेटो में 4 ने देश सेवा की केप्टन हरी सिह जम्मु वह सियासिन सहित 65 के युद्ध में दुश्मनो से लोहा मनवा चुके है
पांचवी पीढ़ी:-शहीद प्रभु सिंह और केप्टन हरी सिंह के पुत्र 1आर्मी में और दूसरे एयरफोर्स में है उम्मेद सिह के पुत्र भेरू सिह फौजी रहा खीव् सिह के पुत्र अगर सिंह आर्मी में हे ।शिवदान सिह के पुत्र रिड़मल सिह तो प्रभु सिह के लगा और अभी पंजाब में तैनात है।
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