बुधवार, 14 जून 2017

साईंदास कांध्लोत राठोड री बातां

-:साईंदास कांधलोत री बात :-
रावत कांधल जी रा पोता खेतसी अरड़कमलोत भटनेर री रिख्या करतां मुगले कामरान सूं लड़तां जुद्ध मांय काम आया अर कामरान भटनेर माथै कब्जो कर लिन्यो।पछै कामरान बीकानेर माथै चढायी कीनी बीकानेर रा राव जैतसी उण बखत किले री रिख्या आपरै आदमीयां नै सूंप'र देसनोक आयग्या पाछै सूं कामरान गढ़ माथै कब्जो कर लिन्यो।राव जैतसी माँ करणी जी नै सिंवर नै आपरा ऐक सो नव बीर जोधावां ने साथ लेय'र रातिवाहो (रात मे हमला)करियौ जीण मांय साईंदास खेतसीयोत(रावत कांधल के प्रपोत्र)बणीर जी(बाघ जी कांधलोत के पुत्र) सांगा बीदावत,रतनसी, देवीदास,महेस मण्डलावत जेडा वीरों ने साथै लेय हमलों करियौ।कामरान रा आदमी मदवा हुवा सुता हुँता राठौड़ी जोधवां कामरान री फौज मांय रापट रोळ मचायदिनी घणा मुगलां नै काट बाढ़ दिन्या लोई री नदियों बैवण लागी कैवे के इण बखत माँ करणी जी घणो चमत्कार दिखायो राठौड़ां रे मांय भगवती आय विराजिया अर मुगलां रे लोई रा खप्पर भरिया लाशां रा ढेर लागिया कामरान राठौड़ां री इण तरु री रापट रोळ ने झाल नीं सकियो अर आपरी फौज लेय भाज निसरियो कैबत चालै के भागते कामरान रो छत्र अर चँवर छोटड़िया गांव मांय धरणी माथै पड़ग्यो जिणनै उठावण री बी हिम्मत उणरी नीं हुवी राठौड़ां री मारकाट सूं कामरान इतणो डरियो के उण समझ्यो के किणी पीर री दरगाह माथै पग पड़ियो अर पीर रिसाणा होयगो कामरान तो पाछो मुड़'र नीं देख्यो।राठौड़ां आपरो बीकानेर पाछो लेय लिन्यो।साईंदास कांधलोत इण जुद्ध मांय घणो सुरापण दिखायो जिणरी बड़ाई राव जैतसी रा छंद मांय बी करिजि है।

"वाजिनि चडिय वाहण वियास।
दानवां दलेवा साईंदास।।(३२६)

राव लूणकरण री बेटी बाला बाई आमेर रा राजा पिरथीराज सूं परणायेडा हा पिरथीराज राज रे मरिया पछै उणरा रा पाटवी रतनसी भादवा बदि9 विक्रम संवत 1593 मांय आमेर री गादी विराजिया रतनसी दारू घणी पिंवता हा जिणसूं राज री वैवस्ता घणी बिगड़ गी इण बात नै लेय'र सांगा कछावा जिका रतनसी रा द्विमात भाई हा रे साथै अणबण हुयगी जद सांगा जी आपरै मामा राव जैतसी कनै बीकानेर आयनै मदत री मांग कीनी जड़ जैतसी आपरै सिरदारां नै सांगा री मदत सारू भेजिया जिणमांय ऐ सांवठा सिरदार आप आप री जमीयत लेय'र गिया रावत किसनसी राजासर सूं, बणीर जी कांधलोत चाचावाद सूं, महेशदास मण्डलावत सारूण्ड़ा सूं, बीको रतनसी महाजन सूं, राव सांगा द्रोणपुर सूं भोजराज रूपावत, देवीदास घड़सीसर,पूगल रो वरसिघ भाटी जेडा सिरदारां रे साथै साईंदास जी बी साहवा सूं आपरी जमीयत लेय'र गिया
इण तरु सगळी फौज 15000 री हुय सांगा कछावा री मदत सारू व्हीर हुय'र पेल्यां अमरसर पुगी जठै रायमल सेखावत बी इणरे सामल हुयौ अर आपरै बेटा तेजसी जिका आमेर राज रा मंत्री हुँता नै बी केयो कै जीत तो सांगा री हुसी क्यूंकै इणरै साथै राठौड़ां री इतणी बड़ी फौज है जणा तेजसी बी आय'र सामल हुयौ जद सांगा पेल्यां मोजाबाद माथै चढायी करण रो विचारयो जणा तेजसी बोलियो कै मोजाबाद रा नरुका करमचन्द यूँ सोरो तो मार में आवै नीं उणनै दगा सूं मारस्यां पछै करमचन्द रा भाई जयमल नरुका ने बुलाय कैयो के थारै भाई ने लाय नै सांगा रे पांवां लगावो जणा माफ कराय देस्यां इण तरु धर्मकोल करिया पछै जयमल आपरै भाई करमचन्द नरुका नै लेय आयौ जिणनै तेजसी बातां मं लगाय लिन्यो अर पीछै सूं लालो सांखला दगा सूं तरवार रे वार सूं करमचन्द रा दो टूक कर दिन्या जद जयमल तेजसी नै कैयो "रे तेजसी तनै धिकार है म्हे थारै कैवण सूं म्हारै भाई ने ल्यायौ अर तूँ दगो करियौ" अर इणरै साथै ही तरवार रे वार सूं तेजसी नै मार न्हाख्यो जयमल सांगा कछावा ने बी मार लेंवतो पण उणी बखत राठौड़ां जयमल नरुका ने मार लिन्यो ।राठौड़ां री मदत सूं सांगा कछावा आमेर री घणी भौम दबाय आपरै नांव सूं नुवो नगर सांगानेर बसाय आपरौ न्यारो राज थरपियो पछै रतनसी महाजन रो तो बठै ही आपरा भाणजा सांगा कनै रिया अर दूजा राठौड़ आप आपरै ठौड़ गिया

राव मालदेव रो बीकानेर माथै हमलो:-विक्रम संवत1598 मांय राव मालदेव जोधपुर आपरौ राज बढ़ावण री मनसा सूं बीकानेर माथै चढायी कीनी जद राव जैतसी आपरी फौज लेय सामां गिया अर गांव सोवा मांय डेरा लगाया राव जैतसी री मदत सारू रावत किसनसी कांधलोत, बणीर जी कांधलोत अर दूजा सगला सिरदार आप आपरी फौज लेय'र गिया साहवा सूं साईंदास जी बी आपरी फौज लेय गिया अर राव जैतसी रे सामल हुया पण रात री बखत राव जैतसी सिरदारां नै बिना बतायां किणी काम सूं बीकानेर आयग्या जणा पाछै सूं सिरदारां नै ठाव पड़ियो कै राव जैतसी तो बीकानेर अपुठा गिया जद सगळा सिरदार आपरी फौज लेय पाछा आपरै मुकाम बावड्या अठीनै राव जैतसी पाछा सोवै आया जद सगळा सिरदार गिया परां उणी बखत राव मालदेव हमलो करियौ जैतसी आपरा150 आदमीयां नै घणा सुरापण सूं लड़तां थकां कुंपा मेहराजोत रे हाथां सूं मारिया गिया पछै मालदेव बीकानेर परियां बी भोजराज रूपावत अर उणरा बाकी जोदावां नै मार कब्जो कर लिन्यो।उण बखत जैतसी रो कडूम्बो अर कल्याणमल सिरसा रैया रावत किसनजी कांधलोत जद सिरसा मातम पुरसी करण आया तो किणी मेणो मारयो जड़ रावत किसनसी पाछा राजासर आय आपरा कांधलोत भायां नै भेळा करिया जिण मांय बणीर जी अर साईंदास जी बी सामल रैया अर मालदेव रा थाणा परियां हमला करणा सरू करिया लूणकरणसर ,गारबदेेसर रा थाणा उजाड़ दिन्या अर भीनासर तांई कब्जो कर लिन्यो पछै कुंपा मेहराजोत नै केवायो के कै तो बीकानेर गढ़ खाली करदे नीं मुकाबलो करण री तैयारी कर जद कुंपा कहियौ के म्हारौ पाछोनीं करो तो महुँ गढ़ खाली करुं इण तरु बीकानेर परियां कांधलोतां अधिकार करनै रावत किसनसी राव कल्याणमल री दुहाई फेर दी बठिनै भींवराज बी दिलली सूं बादसाह री फौज लेय आविया जिणसूं मुकाबला मांय जेता अर कुंपा लड़तां थकां मारिया गिया अर मालदेव हार नै भाज निसरियो।इण तरां साईंदासजी जद बी बीकानेर नै जुरत पड़ी आपरी फौज लेय गिया अर मदत किणी।

रावत कांधल जी रा बेटा अरडकमल जी ।अरडकमल जी रा बेटा खेतसी।
खेतसी रा बेटा हा साईंदास जी जिका साहवा रा धणी।जद राव जैतसी मालदेव सूं लड़तां थकां काम आया जद बण रा बेटा कल्याणमल जी सिरसा आय रैया अर सिरसा मांय खावण नै नाजदाणो पुगावण री जुमेवारी ही शेखसर रे गोदारां री जिका ओखा सोखा होयै घणो दोरो नाज दाणो ऊंठा री कतार माथै भिजवांता क्यूंकै शेखसर मांय बी थाणो मालदेव रो हूंतो।
ऐक बार साईंदास जी बीकानेर राव जी सूं मिलण खातर गिया जद रात हुयगी साईंदास जी पूग्या उण बखत रावजी ढोलिया माथै पौढ़ीया हा उणरौ एक पग तो सीधौ हो अर दूजे पग नै रावजी भेळो कर राख्यो साईंदास जी सोच्यो कै रावजी रे पग मांय दर्द दीख़ै जणा बोल्या हुकूम पग मांय दर्द है कांई ऐक पग भेळो क्यूं कर राख्यो है।पैलडा मिणख सूरवीर तो घणा हुँता पण मन रा भोळा हुँता अर कांधला नै तो लोगबाग बैयां ही भोळा बतावै ।
रावजी पण आपरौ डांव फेंक्यो बोल्या इण पग रे दड़बा रो भीलों अड़े है जिणसूं ओ पग सीधौ नीं हुवै ।
अर साईंदास रे तो बात लागगी अर लागै बी क्यू नीं पड़पोता तो उणी कांधल जी रा हा जिका ऐक बोल रे माथै इतणा कष्ट झाल लड़ायाँ लड़ भतीजे बीकाजी नै राज थरपियो हो ।साईंदास जी तो विदा मांग'र कैयो के अबै तो भीला नै मारिया ही मुंडो दिखाव सूं आ कैय व्हीर हुया ।
बठै सूं आय'र ऊंठां री कतार बणाय दड़बा रो गेलौ पकडियो अर जाय पूग्या दड़बा रे हल्का मांय ।
भीलो बैनीवाल तगड़ो सूरवीर दारू अमल रा दौर चलावै नै पात्रां रमावै अर तालाब रे मांय माटां (बड़ा घड़ा)री मचाण(नाव) बणाय पाणी रे बीच मांय रैवे दड़बा अर आसा पासा रा इलाका मांय घणो ख़ौफ़ अर दबदबो
आवण जावण हाला ओठयां सूं दाण लेवै नीं अर दाण लिया बिना पाणी बी ना पिवण दे।
साईंदास जी तो लेय आपरी कतार जायै पूगा तळाव रे माथै अर ऊंठा नै पाणी पावण लाग्या।साईंदास जी नै पाणी पावंता देख'र भीलो बैनीवाल हाको करियौ ''अरे कुण है तू बिना दाण दीयां पाणी कैंया पावै पेल्यां म्हारौ दाण दिराव"
साईंदास जी बोल्या "पेल्यां पाणी पीवै लूं पछै बात करस्यूं"
भीलो ओज्यूं बोल्यो नीं पेल्यां म्हारौ दाण चुका"
जद साईंदास जी कैयो "महूँ अजै तणी किणनै ही दाण नीं दियौ तूं दाण लेवण हालो कुण ह"
महूँ भीलो बैनीवाल अजै तणी किण नै ही दाण लीया बिना पाणी बी नीं पिवण दूं।

इण तरु करतां राड व्हैगी तरवारां खड़कीजि अर साईंदास जी भीला ने मार नाख्यो
पाछै घोड़े असवार हुयै निसरिया पाछा सूं हाको पड़ियो सगळा बैनीवाल भेळा हुय भीला रो बदलो लेवण सारू साईंदास रे गेल्यां वाहर चढिया साईंदास जी आपरौ घोड़ो भजायां जावै उन्हाळे रा दिन लाय घणी बळती चालै चालतां चालतां तिरसा घणा हुयग्या होंठ एकदम सुकग्या पाछा मुंडो करनै देख्यो तो लारै रेत रा भुंतालिया उठता आवै साईंदास जी देख्यो वाहर तो आयै पुगी पण पाणी बिना तो जीव इयां ही निसरियो जावै चालतां चालतां ऐक ढाणी रे कनै आय पूग्या ढाणी रे फलसा आगै ऐक डीकरी ऊभी क्यु काम करण लागरी फलसा कनै ही पाणी रा घड़िया पड्या साईंदास जी कनै आय'र घोड़ा नै ढबाय डीकरी नै कैयो "ऐ बाई पाणी पाव ,,

जणा डीकरी बोली "बीरा घोड़ा सूं उतरै नै पाणी पीवले"

जद साईंदास जी बोल्या "बाई तूँ उतावली सी म्हानै घोड़ा माथै ही पाणी रो लौटो झलाय दे म्हारै गेल्यां वाहर आवण लागरी है"

डीकरी बोली "भाई जणा ही तो महूँ थानै कैवूं घोड़ा सूं नीचा आवनै थावस स्यूं पाणी पीवो महूँ थानै क्यु नीं होवण दूं"

डीकरी री घणी जिद पछे साईंदास जी घोड़ा परियां उतरणै पाणी पीवौ
पछे डीकरी साईंदास जी नै मांय लेजाय'र कोठडी मांय बिठाया अर घोड़ा नै बी बाड़ा मांय लेजायै लुकावियो इतणी दार में तो बेनिवालां री वाहर आयै पुगी अर डीकरी नै पूछियो कै बाई अठै सूं कोई घोड़ा रो निसरियो जद डीकरी बोली म्हें तो कोनी देख्यो
बेनिवालां देख्यो के डीकरी साव कुड़ी बोलै घोड़े रा खुरां रा निसाण सामां दीखे रोळो मचियो
बेनिवालां रा आदमी बोलिया बाई क्यूं कुड बोलै घोड़ा रा खुर बतावै कै घोड़ो अर असवार अठै ही है

जद डीकरी बोली हाँ अठै ही है पण उणनै मारण स्यूं पेल्यां म्हानै मारणी पड़सी उण असवार म्हानै बाई कैयो अर म्हारै कैवण सूं घोड़ा सूं उतरणै पाणी पीवौ
इतणी दार में गांव रा बूढ़ा बडेरा बी रोळो सुण आयग्या अर पूछ्यौ कांई बात है जद डीकरी सगळी बात बताय कैयो के महुँ उणनै शरण दी है उणनै मारण सूं पेल्यां म्हानै मारणी पड़सी जद बेनिवालां डीकरी ने पूछ्यौ के बा कांई साख(गोत)री है जद बा बोली के महुँ बेनिवालां री बेटी हूँ
जद स्याणा आदमी बोल्या इणनै मारणो ठीक नीं आपणो आपस मांय बैर होज्यावसी जद वाहर हाला बोल्या ठीक है नीं मारां पण बण सुरे नै म्हानै दिखावण तो करावो जिकै ऐकला भीला ने मार नाख्यो जणा बण डीकरी कोठडी मांय सूं साईंदास जी ने लेय आयी पछे बूढ़ा बडेरा बोल्या के अबै आपस रो बैर भुलाय दयो जद बठै अमल गळियो पछे बेनिवाला अर साईंदास जी अमल री मनवारां किणी अर साईंदास जी कैयो के आज सूं म्हारौ अर बेनिवालां रो धरमेलो हुयौ अर आज रे पछे बेनिवालां री भाण बेटी म्हारी बी भाण बेटी हुयी आज रे पछ बेनिवालां री बेटी म्हारै सूं अर म्हारी औलाद सूं परदो नीं करैली चाहै बा म्हारै गांव मांय ब्याव नै ही क्यु नीं हो म्हारी औलाद बण नै आपरी भाण बेटी मानसी
इण तरु साईंदास जी धरमेलो करनै पाछा साहवा आविया अर नगर मांय इण प्रण रो ऐलाण करवायो साईंदास जी रो करियोडो प्रण साईंदासोत कांधला में अजै तणी चालै अर इणरा वंसज अजै तांई आपरै पुरखे रो करियोडो कौल निभावे है।अबै बी घणाई साईंदासोतां अर बेनिवालां मं धरमेलो है।

साईंदास जी आपरै जीवण मांय घणी लड़ायां लड़ी पण सगळी लड़ाया री जानकारी नीं मिलै साईंदास जी री मौत बी लड़तां थकां हुवी जिकै री बात लोक मांय घणी चालै लोकमानता अर किवन्दत्यां सूं जिकौ ठाव लागै बो इण तरु बताईजै
लोक मानता है कै जद साईंदास जी नितकर्म करण जाणता जद आपरो भालो जमीन मं रोप'र बी रै माथै आपरी कटार अर जनेऊ टांग नै नितकर्म ने जांवता इणी तरु ऐक दिन साईंदास जी आपरौ भालो रोप'र जनेऊ अर कटार भाले माथै टांग'र हाथ मांय पाणी रो लौटो लेय'र निंवटण गिया जद निवट नै पाछा बावड्या उणी टेम दुस्मयां घात कर दीन्यो जिका बठै ई झाड़कां मांय लुकियोडा हा दुसमी घणा अर साईंदास जी ऐकला अर हाथ मांय खाली एक लौटो अस्त्र सस्त्र तो घणी दूर भाले माथै टंगेडा हा पण साईंदास जी दकाल नै दुस्मणा रो सामों करियौ अर हाथ मांय पीतल रे भारी लोटा स्यूं कैयी दुस्मणा ने मार न्हाख्या जनश्रुति रे मुजब साईंदास जी अठारह आदमीयां नै मार'र पछै आप बी सुरगां सिद्धारया ।साईंदास जी री मौत रो टेम अर जिगां(स्थान) शोध् रो विषय है।साईंदास जी री सगळी लड़ाइयां रो ब्योरो नीं मिले साईंदास जी रा वंसज साईंदासोत कांधल कहावै साईंदासोतां रो बीकानेर राज मांय घणो दखल रैयो जद जुरत पड़ी बीकानेर री मदत सारू त्यार रैया अर आपरी सुतंत्रता खातर बीकानेर सूं लड्यां बी घणा साईंदासोतां रो भादरा ठिकाणो इतो तकड़ो हो कै इणनै खालसा करण सारू जद बीकानेर फौज अर जैपर शेखावाटी फौज मिल'र भादरा नीं भेळ सकी जणा पटियाला रा सिखां री फौज री मदत लेय कैयी मिन्हाऊँ भादरा खालसा करीजी।साईंदास जी रे सात बेटा हा जिका इण तरु है।
(१)जयमल जी ठिकाणा साहवा
(२)कान्ह जी ठिकाणा गडाणा
(३)ठाकरसिंह बेऔलाद
(४)खिंवजी बेऔलाद
(५)खंगार सिंह जी ठिकाणा सिकरोडी
(६)जालाण जी बेऔलाद
(७)लक्षमण जी बेऔलाद
साईंदास जी रा तीन बेटा स्यूं साईंदासोत कांधल वंस चाल्यो।

साभार :-अजयसिंह सिकरोड

1 टिप्पणी

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